नमस्कार दोस्तों अब समय आ गया है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कंपनियों में संविलियन हो बिजली, यह एक ऐसी चीज़ है जिसके बिना हमारा जीवन कुछ पलों में थम जाता है। हम सभी जानते हैं कि बिना बिजली के कुछ भी संभव नहीं है, पर क्या आपको पता है कि जिन कर्मियों के भरोसे हमारी बिजली सेवा चल रही है, वो खुद कितने अस्थिर हालात में काम कर रहे हैं?
तो चलिए जानते हैं ऐसे ही 50,000 बिजली कर्मचारियों के बारे में जो आउटसोर्सिंग के तौर पर काम कर रहे हैं। ये लोग दिन-रात हमारे लिए बिजली का प्रबंधन करते हैं, लेकिन इनकी खुद की नौकरी और भविष्य अधर में लटका हुआ है। आज हमें समझना होगा कि क्यों इन कर्मचारियों का कंपनियों में संविलियन होना जरूरी है जरूरी है या नहीं।
नियमित कर्मचारियों की जगह आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती
बिजली लाइनमैन वो लोग होते हैं, जो पूरे शहर भौगोलिक क्षेत्र का गहन ज्ञान रखते हैं। हर एक तार, पोल, और कटआउट के बारे में इनको पता होता है। लेकिन इन कर्मचारियों की संख्या समय के साथ रिटायरमेंट होने के कारण लगातार घट रही है। इन कर्मचारियों की विकल्प के रूप में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती कंपनियों में कराई जा रही है यदि समय रहते इन्हें इन्हें ट्रेनिंग और नियमित नहीं किया गया, तो आने वाले समय में, जब बड़े फॉल्ट आएंगे, इन्हें ठीक करने वाला कोई नहीं होगा।
कुछ लाइनमैन जो रिटायर होने के करीब है उनका कहना है
हमारी पूरी ज़िंदगी इसी काम में बीती है। हमें मालूम है कि किस इलाके में कौन सी लाइन कैसे काम करती है। अगर हमारी तरह नए लोगों को सही ट्रेनिंग और स्थायित्व नहीं मिला, तो बिजली कंपनियों की सेवाएं भी प्रभावित होंगी
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने लगातार सरकार और बिजली कंपनियों को चेताया है कि अब समय आ गया है कि इन 50,000 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का संविलियन हो। उनका कहना है कि पिछले 15 सालों से ये समस्याएं बनी हुई हैं।
बिजली कंपनियों का कहना है कि उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति के कारण नियमित कर्मचारियों की जगह आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को भर्ती किया। हालांकि, इस निर्णय के चलते अब स्थिति और भी गंभीर होती जा रही है। अब न केवल कर्मचारी बल्कि उपभोक्ता भी इन परेशानियों से जूझ रहे हैं।
जिस तेजी से बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुपात में कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही है। हर बार होने वाले अघोषित बिजली कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। इसका असर न केवल सेवाओं पर बल्कि आम जनता के जीवन पर भी पड़ रहा है।”
संघ का कहना है कि अगर समय रहते सरकार और कंपनियों ने इन कर्मचारियों का संविलियन नहीं किया, तो आने वाले समय में हम एक गंभीर बिजली संकट का सामना कर सकते हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि सरकार और कंपनियां जागरूक होकर इस समस्या का हल निकालें।
सरकार और ऊर्जा विभाग को जल्द से जल्द इन कर्मचारियों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। यह न केवल कर्मचारियों के हक की बात है, बल्कि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने का सवाल भी है
क्या आपको लगता है कि बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों का कंपनियों में संविलियन होना चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट्स में बताएं। अगर आप भी मानते हैं कि इन कर्मियों का भविष्य सुरक्षित होना चाहिए, तो इस blog को शेयर करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएं।”