आउटसोर्सिंग कर्मचारियों नियमितीकरण – आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का नियमितीकरण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन इसका उत्तर देना कुछ हद तक जटिल है क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है। भारत में और अन्य देशों में, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया विभिन्न परिस्थितियों पर निर्भर करती है
कानूनी ढांचा: प्रत्येक देश या राज्य के पास आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए अलग-अलग कानून और नीतियाँ होती हैं। भारत में, जैसे कि हाल ही में ‘लेबर कोड्स’ जैसे नए श्रम कानून आए हैं, जो नियमितीकरण और कर्मचारियों के अधिकारों को लेकर नई दिशानिर्देश देते हैं।
सरकारी नीतियाँ: सरकारें और विभिन्न संगठनों की नीतियाँ इस प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं। कुछ सरकारी विभाग और निजी कंपनियाँ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नियमित करने के प्रयास कर रही हैं, लेकिन यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है और इसमें समय लगता है।
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों नियमितीकरण को लेकर नई जानकारी क्या है
आउटसोर्सिंग कर्मचारियों नियमितीकरण – हिमाचल प्रदेश में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए पॉलिसी बनाई जाए। यह मांग राज्य कर्मचारी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष नरेश ठाकुर ने सुंदरनगर में प्रेस वार्ता के दौरान की। उन्होंने कहा कि लंबे समय से कोई नीति न बनने से भविष्य अधर में लटक गया है और कर्मचारी हताश हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए एक नई नीति तैयार की है. इस नीति के तहत, आउटसोर्सिंग से भर्ती करने वाले विभागों और सेवा प्रदाताओं को ईपीएफ के पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा. इसके अलावा, पिछले महीने के भुगतान का प्रमाणपत्र देना होगा और ईएसआई और ईपीएफ़ की कटौती भी समय से करनी होगी. गड़बड़ी रोकने के लिए कई स्तर पर निगरानी की व्यवस्था की जाएगी.
सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग पर तैनात किये जाने वाले कार्मिकों को जल्द ही शोषण और उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है जिससे कि आउटसोर्स किए जाने वाले कार्मिकों के चयन में सेवाप्रदाताओं की स्वेच्छाचारिता पर लगाम कसी जा सके। साथ ही, नियमित रूप से उनके पारिश्रमिक का पूरा भुगतान और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) की कटौती सुनिश्चित की जा सके। इसके लिए श्रम एवं सेवायोजन विभाग ने नई आउटसोर्सिंग नीति तैयार कर ली है जिसे जल्द कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी।