भानगढ़ की कहानी क्या सच में तांत्रिक ने किया है इसपर काला जादू

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नमस्कार दोस्तों, आपका स्वागत है हमारे इस खास आर्टिकल भानगढ़ की कहानी में, जहां हम आपको ले चलेंगे एक ऐसी जगह पर जो रहस्यों और कहानियों से भरी हुई है। आज हम बात करेंगे भानगढ़ किले की, जिसे भारत का सबसे डरावना और भुतहा स्थान माना जाता है। क्या है इस किले की सच्चाई? क्या यहां वाकई भूत-प्रेतों का वास है? या फिर यह सब सिर्फ कहानियां हैं? आइए, जानते हैं इस रहस्यमयी किले की पूरी कहानी।

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला 16वीं सदी में राजा माधो सिंह प्रथम द्वारा बनवाया गया था। इस किले का निर्माण 1573 में किया गया था और यह अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा हुआ है। भानगढ़ एक समय पर एक फलता-फूलता शहर हुआ करता था, लेकिन आज यह एक उजड़ा हुआ किला बनकर रह गया है। इस किले के बारे में कई तरह की कहानियां और किंवदंतियां प्रचलित हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है एक जादूगर और राजकुमारी की कहानी। तो चलिए जानते हैं क्या है भानगढ़ के राजकुमारी और तांत्रिक के बीच की कहानी

भानगढ़ की कहानी Bhangarh Fort किसने बनवाया

राजस्थान के अलवर ज़िले में सरिस्का अभयारण्य के पास स्थित भानगढ़ किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में आमेर के राजा माधो सिंह ने करवाया था. माधो सिंह, महान मुगल सेनापति मान सिंह के छोटे भाई थे. किले का नाम भान सिंह कुशवाहा के नाम पर है. भानगढ़ किले के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं:

  • कहा जाता है कि इस किले को बनवाने के लिए राजा माधो सिंह ने एक साधु से शर्त की थी. साधु की शर्त थी कि किले से उनकी झोपड़ी पर छाया नहीं पड़नी चाहिए. बाद में अजब सिंह ने दूसरा किला बनवाया, जिससे साधु की झोपड़ी पर छाया पड़ने लगी. साधु के गुस्से की वजह से किले और आस-पास के गांवों को बर्बाद कर दिया गया.
  • कुछ लोगों का कहना है कि भानगढ़ किले को लेकर यह भी कहा जाता है कि इसे आमेर के राजा भगवंत दास ने 1583 में बनवाया था. भगवंत दास के छोटे बेटे माधो सिंह ने बाद में इसे अपनी निवास स्थान बना लिया.
  • भानगढ़ किले को लेकर यह भी कहा जाता है कि यह किला प्राचीन और मध्य कालीन काला का एक नमूना है. इस किले को चारों ओर से पहाड़ों से घिरा होने की वजह से यह बहुत चर्चित है. कहा जाता है कि सूर्य उदय होने से पहले और सूर्य अस्त होने के बाद किसी को भी इस किले में रुकने की अनुमति नहीं है.

आखिर क्या थी भानगढ़ की राजकुमारी और जादूगर की कहानी

बहुत सुंदर थी राजकुमारी रत्‍नावती– इसके भूतिया होने के पीछे तो वैसे बहुत सारी कहानियां है लेकिन एक कहानी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है और वो है राजकुमारी रत्‍नावती की, जो बहुत ज्यादा सुंदर थीं। वो भानगढ़ की राजकुमारी थीं और उनकी सुंदरता के चर्चे दूर-दूर तक होते थे। उनसे विवाह करने के लिए कई राजा-महाराजा आतुर थे। उनके स्‍वयंवर की तैयारी ही चल रही थी कि इसी बीच एक तांत्रिक सिंघिया की बुरी नजर रत्‍नावती पर पड़ गई। वो उन्हें पाने के लिए पागल हो गया और उसने सोचा कि वो अपने तंत्र-मंत्र से राजकुमारी को अपने वश में कर लेगा। और यही सोचकर उसने राजकुमारी का पीछा करना शुरू कर दिया

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एक दिन उसे अपना काला जादू करने का मौका मिल गया। दरअसल रत्‍नावती एक दिन अपने सखियों और दासी के साथ बाजार में अपने लिए इत्र (खरीदने गई थीं। तांत्रिक भी उनके पीछे-पीछे इत्र (तेल) की दुकान पर पहुंच गया, उसने मौका देखकर इत्र की शीशी पर काला जादू कर दिया और वहीं दुकान के पास वाली पहाड़ी में जाकर छिप गया।

राजकुमारी की तेज बुद्धि – रत्‍नावती काफी होशियार थीं, उन्होंने जैसे ही इत्र की शीशी उठाई उन्हें एहसास हो गया कि कुछ गड़बड़ है और शायद इस पर काला जादू किया गया है उसने वह तेल एक पत्थर पर गिरा दिया। कहा जाता है कि वह पत्थर तांत्रिक सिंघिया की ओर लुढ़क गया और उसे कुचल कर मार डाला।

मरते हुए तांत्रिक ने दिया श्राप– तांत्रिक को लगने लगा कि अब बहे नहीं बचेगा उसी समय तांत्रिक ने राजकुमारी और भानगढ़ को श्राप दे दिया कि यह पूरा शहर जल्द ही बर्बाद हो जाएगा और यहां कोई भी जीवित नहीं बचेगा। तांत्रिक के शाप के कुछ ही दिनों बाद भानगढ़ पर एक पड़ोसी राज्य ने हमला कर दिया। युद्ध के दौरान भानगढ़ की पूरी आबादी मारी गई और यह शहर उजाड़ हो गया। कहते हैं कि तब से लेकर आज तक इस किले में रात होते ही भूत-प्रेतों का वास हो गया है

वर्तमान में भानगढ़ किला

आज भानगढ़ किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है। यहां दिन में सैकड़ों पर्यटक आते हैं, लेकिन सूर्यास्त के बाद इस किले में किसी को जाने की अनुमति नहीं है। कहा जाता है कि रात होते ही इस किले में रहस्यमयी घटनाएं घटने लगती हैं। कई लोगों ने यहां अजीबोगरीब आवाजें सुनने और आत्माओं का साया देखने का दावा किया है। यही कारण है कि भानगढ़ किला भारत के सबसे डरावने स्थानों में से एक माना जाता है।

विज्ञान बनाम अंधविश्वास– कुछ लोग इन कहानियों को अंधविश्वास मानते हैं, तो कुछ लोग इन पर पूरी तरह विश्वास करते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इन घटनाओं का कारण मनोवैज्ञानिक हो सकता है। जब हम किसी डरावनी जगह पर जाते हैं, तो हमारा मस्तिष्क पहले से ही डरा हुआ होता है और हमें ऐसी चीजें महसूस होती हैं जो असल में नहीं होतीं। वहीं, कुछ लोग इसे आत्माओं और परलौकिक शक्तियों का प्रभाव मानते हैं।

दोस्तों, भानगढ़ किला रहस्यों से भरा हुआ है और यह निश्चित रूप से एक रोमांचक अनुभव है। अगर आप कभी राजस्थान जाएं, तो इस किले का दौरा जरूर करें, लेकिन हां, सूर्यास्त से पहले ही लौट आएं। आप क्या मानते हैं? क्या यहां वाकई कुछ है या यह सब सिर्फ कहानियां हैं? अपनी राय हमें कमेंट्स में जरूर बताएं।

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फिर मिलेंगे एक और रोमांचक कहानी के साथ। तब तक के लिए, नमस्कार!

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