राजघाट बांध ( Rajghat Dam )बनने से लेकर अब तक की कहानी

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राजघाट बांध – उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस बांध का निर्माण बेतवा नदी पर किया गया है और इसका उद्देश्य क्षेत्र में सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और बिजली उत्पादन को बढ़ावा देना है।

इस आधुनिक स्मारक की आधारशिला स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा सन् 1971 ई. में रखी गई थी। . उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सीमा पर अवस्थित यह बांध बेतवा नदी पर बनाया गया है। बांध द्वारा बनाया गया जलग्रहण क्षेत्र करीब 17000 वर्ग किलोमीटर है.

यहाँ निर्मित रेत की बैरियर की लंबाई 11 किलोमीटर से अधिक है, जो एशिया में किसी भी बांध में सबसे लंबा है। सीमेंट बांध 600 मीटर लंबा और 73.5 मीटर ऊँचा है।

राजघाट बांध ( Rajghat Dam )बनाने की प्रारंभिक योजना और निर्माण:

राजघाट बांध की योजना 1975 में बनाई गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बेतवा नदी के जल का उपयोग करके क्षेत्र की जल समस्याओं को हल करना था। निर्माण कार्य 1978 में शुरू हुआ और लगभग एक दशक तक चला। राजघाट बांध का दूसरा नाम रानी लक्ष्मी बाई बांध है। यह बांध मध्य प्रदेश के चंदेरी से 14 किमी , उत्तर प्रदेश के ललितपुर से 22 किमी दूर स्थित है।

राजघाट बांध का निर्माण: इसकी लंबाई औरऊंचाई

मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में बहने वाली बेतवा नदी पर राजघाट बांध (Rajghat Dam)की कार्ययोजना 1972 में बनाई गई थी। जिसका निर्माण कार्य 1975 में शुरू किया गया। इस बांध को बनाने के लिए 375 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई थी। लेकिन बांध का निर्माण निर्धारित अवधि में पूरा न होने के चलते इसकी लागत भी करीब दो से तीन गुना तक बढ़ गई थी। वर्ष 1999 में राजघाट बांध बनकर तैयार हो गया था। यह बांध करीब 73 मीटर ऊंचा और करीब 1100 मीटर लंबाई का है, जिसमें छह सौ मीटर लंबी सीमेंट की दीवार है। बांध का कैचमेट एरिया करीब 17 हजार वर्ग किलोमीटर रखा गया। जल भराव के लिए मिट्टी की दीवारे करीब 11 किलोमीटर लंबी थी।

राजघाट बांध से उद्देश्यों की पूर्ति: इस बांध के बनने से यूपी-एमपी के करीब 75 गांव प्रभावित हुए। बांध में सिंचाई के लिए कई किलोमीटर लंबी कैनाल बनाई गई। जिसके जरिए यूपी-एमपी के गांवों में फसलों की सिंचाई की जाती है। इसके साथ साथ इस बांध में 45 मेगावाट क्षमता का हाइड्रोलिक पावर जेनरेशन प्लांट लगा हुआ है।

इस बांध का संचालन के लिए बेतवा रिबर बोर्ड की स्थापना की गई। जोकि अभी भी राजघाट बांध का संचालन कर रहा है। बांध के निर्माण से न केवल कृषि क्षेत्र को लाभ हुआ, बल्कि इससे स्थानीय जल आपूर्ति और बिजली उत्पादन में भी वृद्धि हुई। लगभग 1,54,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकता है और बिजली उत्पादन की क्षमता 45 मेगावाट है।

राजघाट बांध की वर्तमान स्थिति क्या है

झमाझम बारिश से फुल हुआ बेतवा नदी पर बना राजघाट डैम, पानी निकालने 14 गेट खोलते ही MP- UP का संपर्क टूटा मध्य प्रदेश में जारी तेज बारिश से अब मध्य प्रदेश और यूपी का राजघाट बांध पूरी तरह से भर गया है। जलस्तर बढ़ जाने के बाद राजघाट बोर्ड द्वारा डैम के 14 गेट खोल दिए गए। जिससे 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

इसके बाद मध्य प्रदेश को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले मार्ग बंद हो गया है। क्योंकि यहां बने पुल के ऊपर से 15 फीट पानी बह रहा है। जिसके कारण यह मार्ग 21 घंटे से बंद है। 

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