नमस्कार, दोस्तों! आज हम आपको लेकर चलेंगे उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में स्थित एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण परियोजना की यात्रा पर – (Matatila dam ) मततिला डैम। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि यह डैम कैसे शुरू हुआ, इसके विकास की कहानी क्या रही है, और आज के समय में इसका महत्व क्या है।”
माताटीला डैम की कहानी 1958 के दशक से शुरू होती है भारत सरकार ने इसे एक महत्वाकांक्षी सिंचाई और जलाशय परियोजना के रूप में योजना बनाया था। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की कृषि को बढ़ावा देना और पानी की कमी को दूर करना था। माताटीला बांध (Matatila dam )भारत के उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में स्थित है , जिसे बेतवा नदी पर बनाया गया था। झांसी से इसकी दूरी 50 किमी और देवगढ़ से 93 किमी दूर स्थित है यह मिट्टी का बांध 35 मीटर ऊंचा है। बांध में 23 (स्पिलवे) गेट हैं। जलग्रहण क्षेत्र लगभग 20 किमी है और इसकी अधिकतम भंडारण क्षमता 1132 मिलियन क्यूबिक मीटर है।
Matatila dam निर्माण से लेकर वर्तमान तक की यात्रा
माताटीला डैम का निर्माण – ऐसा माना जाता है कि बांध बनने से पहले पहाड़ी की चोटी पर माता शारदा का स्थान था। लोग इस पहाड़ी की पूजा करते थे। बाद में इस पहाड़ी का नाम बदलकर माताटीला रख दिया गया। माता का मतलब देवी शारदा है और टीला का मतलब है चोटी। जब यहां बांध बनाया गया तो इसका नाम माताटीला बांध रखा गया। इस डैम के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर शुरू हुआ, जिसमें कई इंजीनियर, श्रमिक, और तकनीकी विशेषज्ञों की टीम लगी हुई थी। यह एक बहु-उद्देश्यीय परियोजना थी, जिसमें सिंचाई, जलाशय, और जल आपूर्ति के कार्य शामिल थे।
माता टीला का बांध किस नदी पर है – अब बात आती है यह बांध किस नदी पर बना हुआ है यह बांध बेतवा नदी पर बना हुआ
Matatila dam की वर्तमान स्थिति 20 फाटक, खोले गए …
विदिशा समेत मध्य प्रदेश में बेतवा के कैचमेंट इलाकों में पिछले करीब 48 घंटों से लगातार बारिश होने से बेतवा का जलस्तर बढ़ गया। Matatila dam का जलस्तर 306.96 मीटर बनाए रखने के लिए रविवार तड़के माताटीला बांध के 23 गेट में 20 गेट पहले छह फुट की ऊंचाई पर खोले गए। शाम को बहाव में तेज आने पर गेट की ऊंचाई बढ़ाकर 10 फुट कर दी गई। जिससे बेतवा नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है नदी का जलस्तर बढ़ते देख प्रशासन ने आस-पास रहने वाले लोगों को अलर्ट जारी कर दिया है